Wednesday, 21 September 2016

क्यों

शहीद कहलाए १७ जवान
पर क्यों मरे ऐसे कोई इंसान
मरना चाहा था देश के नाम
कायरों के कारण गया प्राण

अब बहेंगे आसू क्रोध के
वादे होंगे प्रतिशोध के
पर कृति बिना होगी बात
क्योंकि अपने ही थे साथ

अपने गद्दारों के लंबे हाथ
बडे बडे है उनके साथ
कम होता है जवान का मोल
जब तक झुठ का ही हो बोल

घर के भेदी का हौसला बढ़े
कोई नही उनके पीछे पड़े
जवान ऐसी मौत मरते रहे
जवान ऐसी मौत मरते रहे

प्रविण सबनीस
१९ सप्टेंबर २०१६

No comments: